भारतीय वायुसेना ने बुधवार को कहा कि उसने एसयू.30 एमकेआई लड़ाकू विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के वायु से सतह पर मार करने वाले संस्करण का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया__ भारतीय वायुसेना को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ इस परीक्षण के लिए। इससे देश को युद्ध में सफलता मिलेगी, युद्ध क्षमता में वृद्धि होगीसेना के अधिकारियों ने बताया कि हवा से सतह पर मार करने में सक्षम 2.5 टन वजनी मिसाइल की। मारक क्षमता 300 किलोमीटर है और इससे भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल /वनि के वेग से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य को भेदेगी।वायुसेना प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने कहा,विमान से प्रक्षेपण आसानी से हुआ और मिसाइल ने जमीन पर लक्ष्य को सीधे मारने से पहले वांछित प्रक्षेपण पथ का अनुसरण किया। - भारतीय वायुसेना दुनिया की पहली ऐसी वायुसेना बन गई,जिसने 22 नवंबर,2017 को एक समुद्री लक्ष्य पर वायु से मार करने वाली 2.8 मैक जमीनी प्रहार मिसाइल को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था। वायुसेना ने कहा, आज इस तरह के हथियार का दूसरी बार प्रक्षेपण किया गया। विमान से इस आयुध का समन्यवय करना एक जटिल प्रक्रिया थी,क्योंकि इसमें विमान में मैकेनिकल,इलेक्ट्रिकल और सॉफ्टवेयर में बदलाव करने शामिल होते हैं। __ इसने कहा कि भारतीय वायुसेना के इंजीनियरों ने विमान के सॉफ्टवेयर का विकास किया जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इसमें मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक सुधार किए। वायुसेना ने कहा, भारतीय वायुसेना, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन [डीआरडीओ, ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड और एचएएल के समर्पित एवं समन्वित प्रयासों ने ऐसे जटिल कार्यों को हाथ में लेने की देश की क्षमता को साबित कर दिया है। __ भारतीय वायुसेना कैप्टन जी की महनत रंग लाई है। - इसने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल दिन अथवा रात तथा हर मौसम में भारतीय वायुसेना को समुद्र अथवा |जमीन पर किसी भी लक्ष्य को सटीक निशाना बनाने की क्षमता प्रदान करता है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत.रूस का संयुक्त उपक्रम |है। इसने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्माण |किया ह, जो पनडुब्बी, जहाज, विमान या सतह से |मार कर सकता है। |देश के लिए एक अच्छा संदेश मिला है और |भारतीय वायुसेना ऐसे ही देश के लिए कायर्या करती |रही है। जनता को भी सीख लेना चाहिए।
सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण